शायरी
Saturday, September 24, 2011
माँ
माँ तेरे गुस्से में भी प्यार नज़र आये,
माँ तेरे चहरे में भागवान नज़र आये,
तू न होती माँ तो मेरा क्या वजूद होता,
तेरी मुस्कान के लिए माँ "संतोष" बिक जाए।
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